कामयाब लोग अपने फैसलों से दुनियाँ बदलने की ताक़त रखते हैं, वहीँ नाकामयाब लोग अपने फैसले बदलते रह जाते हैं। कुछ ऐसे ही अडिग इरादों के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की छवि निखारने में देश के मशहूर उद्यमी और HCL ग्रुप के संस्थापक शिव नाडर सफल हुए हैं। आज इन्हीं के अथक प्रयास से भारत कंप्यूटर जगत में अपनी एक ख़ास जगह बना पाया है। साल 1975 की बात है जब दिल्ली की डीसीएम् कंपनी के कैलकुलेटर डिवीज़न के कुछ युवा इंजीनियरों ने अपने कैंटीन में बैठे बैठे काम से सम्बंधित समस्याओं पर चर्चा करते हुए एक ऐसा फैसला लिए जिसने आगे चलकर समूचे देश की तक़दीर ही बदल कर रख दी। ये सभी इंजीनियर अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थे और इनका मन कुछ नया करने के लिए इन्हें झकझोर रहा था। जिस व्यक्ति ने इस विचार को जन्म दिया उनका नाम था शिव नाडार। यही वे व्यक्ति हैं जिन्होंने दिल्ली के एक मामूली से बरसाती से शुरुआत कर आज कंप्यूटर जगत में अपनी साख बनाई है। अपने पांच घनिष्ट मित्रों सर्वश्री अर्जुन मल्होत्रा, अजय चौधरी, योगेश वैद्य, एस रमन, महेंद्र प्रताप और सुभाष अरोरा के साथ कंधे से क...
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