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मात्र 17 साल की उम्र में अपने Startup से United Nations द्वारा सम्मानित

आज समूचा विश्व पर्यावरण संरक्षण के प्रति अत्यंत गंभीर हो चूकाहै। मानव प्रजाति इसी प्रयास में है की कैसे अपने परिवेश को सुरक्षित बनाये। क्या बड़े, क्या छोटे, सभी सम्मिलित रूप से इस ओर प्रयत्नशील हैं।  दिल्ली के समीप गुरुग्राम शहर के अनुभव वाधवा ने भी अपने नन्हें कन्धों पर पर्यावरण को बचाने की बागडोर ले ली है। मात्र 17 साल की उम्र में ही आज ये Data Analyst, कंप्यूटर प्रोग्रामर और एक सफल उद्यमी बन गए हैं। अपनी कंपनी Tyrelessly के माध्यम से इन्होंने पर्यावरण संरक्षण की लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। Tyrelessly में पुराने टायरों को Recycle कर उन्हें बहुपयोगी बनाया जाता है।  अनुभव बचपन से ही बड़े मेधावी रहे हैं । वे हमेशा टेक्नोलॉजी का उपयोग सही दिशा में देखना चाहते थे। अपनी इसी सोच से साल 2013 में मात्र 13 साल की ही उम्र में इन्होंने अपनी Educational कंपनी TechApto बना ली थी। इसके बाद भी ये लगातार नित-नई खोजों में रूचि लेते रहे। एक बार स्कूल से घर लौटते समय इन्होंने सड़क के किनारे पुराने टायरों को जलते देख इन्हें Recycle की बात सोची और उसी समय इनके दिमाग में Tyrelessly ने जन्म लिया। अनुभव ने टायरों से ईंधन, स्टील, और कार्बन निकालने की प्रक्रिया इज़ाद की जिससे सिंथेटिक फर्श, Adhesive , रबर मैट्स आदि बनाने जाते हैं।  आज अनुभव वाधवा अपनी छोटी सी उम्र में लोगों को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ देश के विकास के प्रति जागरूक बना रहे हैं। इनकी विचारधारा से प्रेरित होकर देश की युवा पीढ़ी भी एक सकारात्मक कदम उठाने लगी है। अनुभव का नाम United Nations द्वारा सूचित 50 सफल Startups में भी सम्मिलित हो चुका है।

आज समूचा विश्व पर्यावरण संरक्षण के प्रति अत्यंत गंभीर हो चूकाहै। मानव प्रजाति इसी प्रयास में है की कैसे अपने परिवेश को सुरक्षित बनाये। क्या बड़े, क्या छोटे, सभी सम्मिलित रूप से इस ओर प्रयत्नशील हैं। 


दिल्ली के समीप गुरुग्राम शहर के अनुभव वाधवा ने भी अपने नन्हें कन्धों पर पर्यावरण को बचाने की बागडोर ले ली है। मात्र 17 साल की उम्र में ही आज ये Data Analyst, कंप्यूटर प्रोग्रामर और एक सफल उद्यमी बन गए हैं। अपनी कंपनी Tyrelessly के माध्यम से इन्होंने पर्यावरण संरक्षण की लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। Tyrelessly में पुराने टायरों को Recycle कर उन्हें बहुपयोगी बनाया जाता है। 
अनुभव बचपन से ही बड़े मेधावी रहे हैं । वे हमेशा टेक्नोलॉजी का उपयोग सही दिशा में देखना चाहते थे। अपनी इसी सोच से साल 2013 में मात्र 13 साल की ही उम्र में इन्होंने अपनी Educational कंपनी TechApto बना ली थी। इसके बाद भी ये लगातार नित-नई खोजों में रूचि लेते रहे। एक बार स्कूल से घर लौटते समय इन्होंने सड़क के किनारे पुराने टायरों को जलते देख इन्हें Recycle की बात सोची और उसी समय इनके दिमाग में Tyrelessly ने जन्म लिया। अनुभव ने टायरों से ईंधन, स्टील, और कार्बन निकालने की प्रक्रिया इज़ाद की जिससे सिंथेटिक फर्श, Adhesive , रबर मैट्स आदि बनाने जाते हैं। 
आज अनुभव वाधवा अपनी छोटी सी उम्र में लोगों को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ देश के विकास के प्रति जागरूक बना रहे हैं। इनकी विचारधारा से प्रेरित होकर देश की युवा पीढ़ी भी एक सकारात्मक कदम उठाने लगी है। अनुभव का नाम United Nations द्वारा सूचित 50 सफल Startups में भी सम्मिलित हो चुका है।

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