हमेशा मोटिवेटेड कैसे रहें , इस QUESTION का जबाब जानने के लिए एक बार कोलंबिया यूनिवर्सिटी में 1988 में एक प्रोफेसर ने 5TH क्लास के बहुत सारे बच्चो को लेकर एक बहुत ही INTRESTING सा एक्सपेरिमेंट किया। इस एक्सपेरिमेंट में उन्होंने सभी बच्चो को बहुत सारी PUZZLES सॉल्व करने के लिए दी, जिसमे बहुत सारी PUZZLES सॉल्व करने में बहुत आसान थी और कुछ PUZZLES बहुत मुश्किल थी। जब सभी बच्चों ने उस PUZZLES को सॉल्व किया तो उनमे से सभी बच्चों को ये कहा गया की आपने बहुत अच्छा किया। बस फर्क ये था की कुछ बच्चों को ये बताया गया की आपने बहुत अच्छा इसलिए किया क्युकी आप काफी स्मार्ट, इंटेलीजेंट और टैलेंटेड हो और कुछ बच्चो बताया गया हार्डवर्क के कारन आप बहुत अच्छा कर पाए। और ये सब बताकर दुबारा से उन्ही बच्चो को कुछ बहुत ही मुश्किल और कुछ बहुत ही आसान PUZZLES सॉल्व करने के लिए दिया गया।
इस बार कुछ रोचक रिजल्ट निकलकर आये , जिन बच्चों को ये बताया गया था की आप काफी टैलेंटेड हो उन्होंने सबसे पहले आसान PUZZLES को सॉल्व करने पर पूरा ध्यान लगाया और कुछ सॉल्व करने के बाद वो उसमे भी बोर होने लग गए और जिन बच्चों को ये बताया गया था कि आपके हार्डवर्क के कारण आप इतना EXTRAORDNARY कर पाए उन्होंने न सिर्फ आसान PUZZLES को सॉल्व किया बल्कि मुश्किल से मुश्किल PUZZLES को भी काफी हद तक और कुछ बच्चों ने तो पूरा सॉल्व किया।
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और जब यह स्टडी कम्पलीट हुयी तो सभी बच्चों से पूछा गया की किनको ज्यादा मज़ा आया इन PUZZLES को सॉल्व करने में तो वो बच्चे जिनको ये कहा गया था की आप काफी INTELLIGENT हो उनको बिलकुल भी मजा नहीं आया , यानी की वो बिलकुल भी MOTIVATED नहीं थे तथा जिन बच्चो को ये बताया गया था की वो बेहतर सिर्फ अपने हार्डवर्क कारण ही कर पाए , उन्होंने अच्छा PERFORME भी किया, वो लास्ट तक PUZZLES को सॉल्व भी करते रहे वो अंत तक काफी ज्यादा MOTIVATED भी थे और उन्हें बहुत ज्यादा मज़ा भी आया।
और ये जो STUDY काफी INTRESTING इसलिए भी है क्युकी ये हमारे सोचने के तरीके को भी चैलेंज करती है ज्यादातर लोग ये सोचते हैं की अगर वो PARENTS हैं या टीचर हैं तो अगर वो बच्चो को ये बोलेंगे की वो काफी टैलेंटेड, इंटेलिजेंट और स्मार्ट है तो बच्चे अच्छा PERFORME करेंगे जबकि इस स्टडी में इसका बिलकुल उल्टा हुआ।
इस STUDY को समझने के लिए हमको एक कॉन्सेप्ट को समझना पड़ेगा जिसको LOCUS OF CONTROL कहा जाता है।
जिन बच्चो को कहा गया कि आप काफी स्मार्ट , इंटेलीजेंट और टेलेंटेड हो उनका जो LOCUS OF CONTROL था वो उनके अंदर नहीं उनके बाहर था , LOCUS OF CONTROL का मतलब होता है CENTRE OF CONTROL , मतलब की अगर वो स्मार्ट हैं , इंटेलिजेंट हैं तो इसमें उनका कोई रोल नहीं है , वो उनके कण्ट्रोल से बाहर है, दूसरी तरफ से जिन बच्चों को ये कहा गया की आपने जो कुछ भी हांसिल किया आपके हार्ड वर्क की वजह से ACHIVE किया तो उनका LOCUS OF CONTROL उनके अंदर था यानि की हार्ड वर्क पूरी तरह से उनके हाथ में था।
और ये सिर्फ इस स्टडी में नहीं बल्कि बाकी बहुत सारी रिसर्चेस में निकल कर आया है की अगर हम खुद को हमेशा मोटिवेटेड रखना चाहते हैं तो उसका सिर्फ एक तरीका है कि कण्ट्रोल हमेशा हमारे अपने हाथ में होना चाहिए।
जब भी हम एक्सटर्नल फैक्टर्स की बात करते हैं की मैं यह GOAL इस वजह से उस वजह से ACHIVE नहीं कर पा रहा हूँ, जो की हमारे हाथ में नहीं है तो कण्ट्रोल हमारे हाथ से चला जाता है। और जब हम बात करते हैं की हम क्या कर सकते हैं अपनी ताक़त की बात करते हैं तब कण्ट्रोल पूरी तरह हमारे हाथ में आ जाता है।
जब हमारा ध्यान उन चीजों पर नहीं होता है जिनकी वजह से हम अपना GOAL ACHIVE नहीं कर सकते हैं बल्कि उन चीजों पर होता है जिनकी वजह से हम वो सब ACHIVE कर सकते हैं तो पूरा कण्ट्रोल हमारे हाथ में आ जाता है तो हम अंदर से मोटिवेटेड होते हैं।
FOR EXAMPLE आप अभी जिस भी फील्ड में हो उस फील्ड में जो भी लोग टॉप पर हैं जिनकी तरह आप बनना चाहते हैं , आपके पास दो तरीके हैं सोचने के या तो आप सोच सकते हैं की उनके पास कुछ स्पेशल है, उनके अंदर कुछ ऐंसा टैलेंट है जो आपके पास नहीं है, वो स्मार्ट हैं , या उनकी किस्मत है , उनके पास किसी का सपोर्ट है आदि आदि , ऐंसा सोच कर कण्ट्रोल बाहार की तरफ जा रहा है , तो अब आप उस काम को करने के लिए उतने ज्यादा मोटिवेटेड नहीं रह सकते हो , क्युकी अब कण्ट्रोल आपके हाथ में नहीं है।और आपके उस काम में सक्सेस होने के बहुत ही कम CHANCE है ,क्युकी जब आपके पास में वो है ही नहीं जो उनके पास में है तो आप वो कैसे बन सकते हो जो वो बन चुके हैं।
और दूसरा तरीका यह है की आप सोच सकते हो की वो जो भी लोग सक्सेसफुल बने हैं वो सिर्फ और सिर्फ अपने हार्ड वर्क की वजह से बने हैं तो अगर वो कर सकते हैं तो में भी कर सकता हूँ , उन्होंने भी मेरी ही तरह शुरुआत करके आज उस मुकाम को हांसिल किया है तो मैं भी कर सकता हूँ , ऐंसा बोलकर सोचकर पूरा कण्ट्रोल आपके हाथ में आ जाता है , जिसकी वजह से आप हमेशा मोटिवेटेड रहेंगे और अब आपके सक्सेस होने के ज्यादा CHANCES हैं।
तो हमारे पास में हमेशा ये OPTIONS होते हैं एक की हम कण्ट्रोल बाहर रखे और दूसरा की कण्ट्रोल हमेशा हमारे हाथ में रहे। तो इस बात को हमेशा याद रखें कि कण्ट्रोल हमेशा आपके अंदर ही होना चाहिए , बाहर नहीं।
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