"सफलता उनको मिलती है जिनके सपनों में जान होती है।पंखों से कुछ नहीं होता है हौंसलों से उड़ान होती है। "
LAKSHYA KAINSE BANAYEN, HOW TO SET GOALS, LAKSHYA KYU JARURI HAIN, SMART GOALS, HINDI MOTIVATION
सफलता का मतलब लक्ष्य को हासिल करना है। जिन लोगों की जिंदगी में खुद के लक्ष्य नहीं होते हैं वह हमेशा दूसरों के सपनो के लिए काम करते हैं। इसलिए जिंदगी में खुद का एक दमदार सपना और लक्ष्य जरूर होना चाहिए। बड़े सपने देखना एक खूबसूरत आदत है और सपने नहीं देखना सामाजिक बुराई है।
फर्क इस बात से नहीं पड़ता आप कहाँ से आये हैं , फर्क तो इससे पड़ता है कि आपको जाना कहाँ है।
ज्यादातर लोग GOALS SET क्यों करते
- वे लक्ष्यों को महत्वपूर्ण नहीं मानते क्योंकि ऐंसे माहौल में पले - बड़े हैं जहाँ किसी के पास लक्ष्य नहीं रहे हैं। इसलिए वयस्क होने के बाद लक्ष्यों की शक्ति से अनजान रह जाते हैं।
- उनको मालूम ही नहीं लक्ष्य कैसे तय करते हैं।
- वे असफलता से डरते हैं।
- उन्हें अस्वीकृति का डर होता है। अगर सफल नहीं हुए तो लोग आलोचना करेंगे या हंसी उड़ाएंगे।
सिर्फ लक्ष्य बनाने से आप 3% खास लोगो की कैटेगरी में आते हैं।
मार्क मैक्कॉरमैक ने अपनी बुक What They Don't Teach You In Harvard Business School में,1979 और 1989 के बीच Harvard School में हुए अध्ययन के बारे में बताया है। 1979 में Harvard के MBA Graduates से पूछा गया , क्या आपने अपने भविष्य के लिए स्पष्ट लिखित लक्ष्य तय किये हैं और उन्हें हांसिल करने की योजना बनाई है ? पता चला की सिर्फ 3 % Graduates के पास लिखित लक्ष्य और योजना थी। 13 % के पास लक्ष्य तो थे पर उन्होंने लिखे नहीं थे। 84 % के पास स्पष्ट लक्ष्य नहीं थे , सिवाय इसके कि वे बिज़नेस स्कूल में जाने के बाद गर्मियों का आनंद लें।
दस साल बाद 1989 में शोधकर्ताओ ने उस क्लास के स्टूडेंट से दोबारा संपर्क किया। उन्होंने पाया कि जिन 13 % के पास अलिखित लक्ष्य थे , वे लक्ष्य न बनाने वाले 84 % स्टूडेंट्स से औसतन दो गुना ज्यादा कमा रहे थे। लेकिन उनमे , सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह थी कि Harvard छोड़ते वक्त जिन Graduates के पास स्पष्ट, लिखित लक्ष्य थे , वे बाकी सभी 97 % से औसतन 10 गुना ज्यादा कमाई कर रहे थे। इन लोगो में इकलौता फर्क स्प्ष्ट लक्ष्यों का था। अब आपका फैसला है कि आप लक्ष्य बनाना चाहोगे या एक आम जिंदगी बिताना चाहेंगे।
लेकिन स्पष्ट लक्ष्य कैसे बनाने हैं ये हम कहा से सीख सकते हैं ? हम Brian Tarcy की बुक "लक्ष्य(Goals)" से सीख सकते हैं।
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हमें 3 प्रकार से गोल सेट करना चाहिए।
- शार्ट टर्म गोल
- मिड टर्म गोल
- लॉन्ग टर्म गोल
लक्ष्य इतना ऊँचा और बड़ा होना चाहिए कि जिसकी कोई सीमा न हो।
3300 से ज्यादा अध्ययनों में पाया गया है कि महान लीडर्स में एक ऐंसा गुण होता है जो उन्हें दूसरों से अलग बनाता है, यह गुण है, भविष्य दृष्टा होने का। लीडर्स के पास विजन होता है। यही उनकी शक्ति होती है। स्पष्ट और साफ विजन
लक्ष्य SMART होने चाहिए।
S = Specific निश्चित
M = Measurable मापांकन योग्य
A = Achievable प्राप्ति योग्य
R = Realistic वास्तविक
T = Time Bound समय निर्धारित
- लक्ष्य लिखे हुए होने चाहिए
- आपके लक्ष्य हमेशा आपके सामने होने चाहिए (जैसे फ़ोन लैपटॉप के वॉलपैपर पर, फ्रिज ,दिवार या शीशे के पास )
- अपने लक्ष्यों को रिवाइज करें और जरूरत होने पर नया लक्ष्य बनाये
- अपने लक्ष्यों को अपने परिवार क्लोज फ्रेंड इ साथ शेयर करें
- जब कोई भी लक्ष्य पूरा हो तो खुद को शाबाशी ,दे इनाम दें
लक्ष्य रिपोर्ट
Group A - 64 % लोगों का कोई लक्ष्य नहीं होता है।
Group B - 33 % का लक्ष्य निर्धारित नहीं होता है।
Group C - 03 % का लक्ष्य ही Smart होता है।
(आप decide कीजिये की आप किस ग्रुप में हैं और किस्मे होना चाहते हैं)
सफलता या असफलता एक चुनाव है। आपका वर्तमान आपका वह भविष्य है , जिसका निर्माण आपने बीते हुए कल में किया था।
"निर्धारित लक्ष्य के अभाव में व्यक्ति घडी के पेंडुलम की तरह होता है। जो हिलता तो है मगर जाता कहीं नहीं। इसी प्रकार लक्ष्य विहीन व्यक्ति करता तो बहुत कुछ है मगर पता कुछ नहीं।"
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