हमारा देश अन्य विकासशील देशों की तुलना में स्वतंत्रता के पहले और बाद भी एक मामले में अत्यंत भाग्यशाली रहा की यहाँ के स्टील, सीमेंट, भारी इंजीनियरिंग, परिवहन और ऑटोमोबाइल टायर जैसे उद्योगों में विदेशी कंपनियों का वर्चस्व नहीं रहा, क्योंकि कुछ भारतीय उद्योगपति ऐसे थे जिन्होंने इस क्षेत्र में पहल करने का बीड़ा उठाया था। ऐसे ही एक अग्रणी थे एम. एम. मैमेन मेपिल्लई। जिन्होंने अपनी कंपनी MRF के जरिये भारतीय रबर उद्योग की स्थापना की जो आजतक अपनी स्थिति मज़बूत किये हुए है।
आज समूचा विश्व पर्यावरण संरक्षण के प्रति अत्यंत गंभीर हो चूकाहै। मानव प्रजाति इसी प्रयास में है की कैसे अपने परिवेश को सुरक्षित बनाये। क्या बड़े, क्या छोटे, सभी सम्मिलित रूप से इस ओर प्रयत्नशील हैं। दिल्ली के समीप गुरुग्राम शहर के अनुभव वाधवा ने भी अपने नन्हें कन्धों पर पर्यावरण को बचाने की बागडोर ले ली है। मात्र 17 साल की उम्र में ही आज ये Data Analyst, कंप्यूटर प्रोग्रामर और एक सफल उद्यमी बन गए हैं। अपनी कंपनी Tyrelessly के माध्यम से इन्होंने पर्यावरण संरक्षण की लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। Tyrelessly में पुराने टायरों को Recycle कर उन्हें बहुपयोगी बनाया जाता है। अनुभव बचपन से ही बड़े मेधावी रहे हैं । वे हमेशा टेक्नोलॉजी का उपयोग सही दिशा में देखना चाहते थे। अपनी इसी सोच से साल 2013 में मात्र 13 साल की ही उम्र में इन्होंने अपनी Educational कंपनी TechApto बना ली थी। इसके बाद भी ये लगातार नित-नई खोजों में रूचि लेते रहे। एक बार स्कूल से घर लौटते समय इन्होंने सड़क के किनारे पुराने टायरों को जलते देख इन्हें Recycle की बात सोची और उसी समय इनके दिमाग में Tyrelessly ने जन्म लिया। अन
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